तेजी से लुढ़क रहा पारा, बेअसर हो रहीं दवाएं

तेजी से लुढ़क रहा पारा, बेअसर हो रहीं दवाएं


सर्दी के मौसम में तेजी से गिर रहा पारा बुजुर्गों के लिए भारी मुसीबत बनता जा रहा है। लुढ़कते पारे के कारण 40 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग तेजी से डिप्रेशन के शिकार हो रहे हैं। ठंड बढ़ने के साथ इस बीमारी के मरीज तीन गुना बढ़ गए है।


मनोचिकित्सक के डॉ. अभिनव श्रीवास्तव ने बताया कि सर्दी के मौसम में सूर्य की रोशनी कम मिलती है। ऐसे में मस्तिष्क के अंदर न्यूरो-ट्रांसमीटर का उत्पादन कम होने लगता है। इसे सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर कहते हैं। इस बीमारी के मरीजों में 75 फीसदी महिलाएं होती है।


ओपीडी में बढ़ गए मरीज


बीआरडी के मानसिक रोग विभाग में इन दिनों मरीजों की बाढ़ आ गई है। विभागाध्यक्ष डॉ. तपस आईच ने बताया कि सामान्य दिनों में 120 से 140 मरीज रोजाना ओपीडी में आते थे। पारा लुढ़कने के बाद ओपीडी में मरीजों की संख्या बढ़कर 200 के पार चली गई है। सबसे ज्यादा करीब 80 मरीज तो सिर्फ डिप्रेशन की शिकायत लेकर आ रहे हैं। जबकि सामान्य दिनों में यह संख्या महज 20 से 25 मरीज की ही थी।


दिल व दिमाग के मरीज भी बढ़े


गिरते पारे के कारण दिल एवं दिमाग के मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। सीने में दर्द , घबराहट के साथ ही ब्रेन स्ट्रोक के मामले बढ़े हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज और जिला अस्पताल के मेडिसिन और कार्डियोलॉजी में मरीजों की संख्या करीब डेढ़ गुना तक बढ़ी है। जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. आरके गुप्ता ने बताया कि ठंड के कारण शरीर की नसों में संकुचन हो जाता है। धमनियों के खून का प्रवाह बढ़ तेज हो जाता है। ऐसे में दिल का दौरा पड़ने या ब्रेन हैमरेज होने का खतरा बढ़ जाता है।


डायबिटीज के मरीजों की संख्या में हुआ इजाफा


फिजीशियन डॉ. संजीव गुप्ता ने बताया कि ठंड में खान-पान बदला जाता है। आमतौर पर घरों में तेल-मसाले का प्रयोग बढ़ जाता है। लोग सुबह टहलने से भी परहेज करते हैं। ऐसे में शरीर में शुगर लेवल बढ़ जाता है। बॉर्डर लाइन वाले लोगों में डायबिटीज उभर जाता है। इस वजह से डायबिटीज के मरीजों की संख्या में जबर्दस्त इजाफा हुआ है।


डोज को रेग्यूलराइज करा रहे हैं मरीज


फिजीशियन डॉ. मनीष तिवारी ने बताया कि जिले में पारा 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है। इसके कारण अस्थमा के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। सांस में संक्रमण के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। डायबिटीज व रक्तचाप (बीपी) तेजी से असंतुलित हो रहा है। इन मरीजों को दवा की खुराक डॉक्टर से रेग्यूलराइज करानी चाहिए।